11/13/2010

सिपाही

हम है सिपाही हम है सिपाही 
देश की रक्षा करने निकले 
आजादी है हमने चाही| 
भारत माँ के रक्षक है  हम 
माँ के बेटे बहनों के भाई 
हम है सिपाही हम है सिपाही| 
देश की रक्षा की खातिर 
सीने पर भी गोली खाई| 
भारत माँ पर आंच न आये 
दुश्मन बच कर भाग न पाए 
ईश्वर इतनी शक्ति देना 
दुश्मन जंग न जीत पाए| 
आजादी के हम है राही
आजादी है हमने चाही 
हम है  सिपाही हम है सिपाही |

3 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया भावपूर्ण रचना है.पसंद आई.

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  2. देश के सिपाहियों का महत्व बताती सुन्दर कविता.

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  3. नेहा जी नमस्कार मुझे आपका ब्लॉग बहुत ही अच्छा लगा। आपका प्रयास बहुत ही सराहनीय और प्रसंसनीय है इसी तरह आगे बढती रहो आप हम आपके साथ हैं।

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