11/10/2010

चाँद,सितारे,कलम,किताब इनसे मैं करती हूँ बात

चाँद,सितारे,कलम,किताब 
इनसे मैं करती हूँ बात
कितने प्यारे दोस्त है मेरे 
देते है सब मेरा साथ| 
चाँद और सितारों को देखो 
फैलाते है ये प्रकाश
अपनी चमक मुझको देते है
जब भी मैं छूती आकाश
चाँद,सितारे,कलम,किताब
देते है सब मेरा साथ| 
कलम देती है मुझे हौसला
जगाती है यह मुझमे आस 
किताब देती विचारों का बल 
बनती है मेरी आवाज 
चाँद,सितारे,कलम,किताब 
इनसे मैं करती हूँ बात
कितने प्यारे दोस्त है मेरे 
देते है सब मेरा साथ|   

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