जिस वसुधा पर जन्म लिया
जिसने तुझको पुत्र कहा
उस वसुधा की सम्पति को
ए पुत्र तु मिटा रहा
इस वसुधा के नयनों का
नीर तू बहा रहा
इस वसुधा के हाथ तरु है
उसको तु कटा रहा
जिस वसुधा पर जन्म लिया
जिसने तुझको पुत्र कहा
जलवायु और पेड़ों द्वारा
उसने तेरा अस्तित्व बचाए रखा
ए पुत्र तू अपने हाथों से
अपना अस्तित्व मिटा रहा|
सही बात है, मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए प्रकति को हानि पहुंचा रहा है...... बहुत अच्छी रचना है आपकी...
जवाब देंहटाएंsparkindinas.blogspot.com
बिलकुल सही बात ...सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
उल्फ़त के दीप