हँसता मुस्कुराता बचपन
मासूम सा खिलखिलाता बचपन
कच्ची मिटटी के घड़े सा बचपन
जैसे ढालो ढल जाता बचपन|
बचपन जीवन की पहली सीढ़ी
हंसती मुस्कुराती पीढ़ी
मासूम सी बोली बचपन
मन जैसे हो दर्पण
हँसता मुस्कुराता बचपन
मासूम सा खिलखिलाता बचपन
इस छोटी सी दुनिया में आपको मिलेंगी मेरी रचनाएं और कुछ अपनों के दिल से निकली बातें, यादें जिन्हें संजो कर रखना अच्छा लगता है.....
bahut sundar rachana.............mere post dekhe http://kavyana.blogspot.com/2010/05/blog-post_19.html
जवाब देंहटाएंमासूम सी बोली बचपन
जवाब देंहटाएंमन जैसे हो दर्पण
हँसता मुस्कुराता बचपन
मासूम सा खिलखिलाता बचपन
बढ़िया रचना .... बधाई ...
मन जैसे हो दर्पण
जवाब देंहटाएंहंसता मुस्कुराता बचपन।
अच्छी रचना है।...बधाई।
bachpan kee hasi-thitholi yaad dila de aapne... thank you so much...
जवाब देंहटाएं