10/22/2010

बचपन

हँसता मुस्कुराता बचपन
मासूम सा खिलखिलाता बचपन
कच्ची मिटटी के घड़े सा बचपन
जैसे ढालो ढल जाता बचपन|
बचपन जीवन की पहली सीढ़ी
हंसती मुस्कुराती पीढ़ी
मासूम सी बोली बचपन
मन जैसे हो दर्पण
हँसता मुस्कुराता बचपन
मासूम सा खिलखिलाता बचपन

4 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sundar rachana.............mere post dekhe http://kavyana.blogspot.com/2010/05/blog-post_19.html

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  2. मासूम सी बोली बचपन
    मन जैसे हो दर्पण
    हँसता मुस्कुराता बचपन
    मासूम सा खिलखिलाता बचपन

    बढ़िया रचना .... बधाई ...

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  3. मन जैसे हो दर्पण
    हंसता मुस्कुराता बचपन।

    अच्छी रचना है।...बधाई।

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  4. bachpan kee hasi-thitholi yaad dila de aapne... thank you so much...

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